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Friday 7 February 2014

भारत भी तभी तक धर्मनिरपेक्ष रह पायेगा जब तक हिन्दू बहुसंख्यक है जिस दिन भी हिन्दू अल्पसंख्यक हो गया उस दिन न तो यहाँ लोकतंत्र होगा और न धरमनिर्पेक्षता न बचेंगे उसके झंडाबरदार

बांग्लादेश में हिंदुओं पर मुसलमानों की दरिंदगी 

सभी मित्रों का हार्दिक अभिनन्दन और आपकी कुशलता और उन्नति की कामना के साथ आपका शुभचिंतक। आप सभी इस बात से भली -भांति परिचित हैं कि वर्त्तमान दौर में देश  एक अजीब सी स्थिति से गुजर रहा है। चारो ऒर समाज में सिर्फ अपनी -२ पड़ी हुयी है और अधिकांश नेता किसी भी हद तक जाकर सत्ता प्राप्ति के कुचक्र में लगे हैं , इन सभी का एक ही मिशन है कैसे भी हो देश के प्रधानमंत्री पद पर नरेंदर मोदी को न आसीन होने दिया जाये। क्या कारण है कि सभी का एक ही दुश्मन मोदी है और तो और कई विदेशी ताकतें भी इसी मिशन को खाद -पानी देने में जुटी हुयी हैं ?किसी भी छोटे -बड़े राजनैतिक दल के पास चाहे वो नया है या पुराना देश को ताकतवर और खुशहाल बनाने का कोई एजेंडा नहीं है ,अगर कोई एजेंडा है तो एकमात्र यह कि मोदी को सत्ता से दूर कैसे रखा जाये।

हिंदुओं के खिलाफ बांग्लादेशी मुसलमानों की हिंसा 


     देश के सभी  दल अब फिर साम्प्रदायिकता का हौआ खड़ा करके मोदी को घेरने की कौशिश में जूट हुए हैं और उनके इस काम में कई कथित बुद्धिजीवी वर्ग के लोग और मीडिया संसथान भी बराबर की भूमिका निभा रहे हैं। यह सारी सेक्युलर मण्डली बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों से अनजान बनी हुयी है। वहाँ पिछले कुछ समय से हिंदुओं को मारा जा रहा है ,उनकी संपत्ति लुटी जा रही है , हिन्दू औरतों की अस्मत को लुटा जा रहा है ,लेकिन वहाँ की सरकार हिंदुओं की रक्षा करने में नाकाम है।बांग्लादेशी हिंदुओं के पास सिर्फ तीन ही रास्ते रह गए हैं कि - [1] मुसलमानों के हाथों मारे जाएँ [ 2 ] मुस्लमान बन जाएँ [3 ] या फिर सब कुछ छोड़कर वहाँ से पलायन कर जाएँ। यह बंगाली मुस्लमान वही हैं जिन्हें भारत ने पश्चिमी पाकिस्तान के पंजाबी मुसलमानों की दरिंदगी से बचाया और उनसे अलग करके 1971 में बांग्लादेश नामक राष्ट्र के रूप में दुनिया के मानचित्र में जनम दिया था। आज भी भारत में करोड़ों की संख्या में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिये मजे से रह रहे हैं और यहाँ रहकर सभी तरह के जघन्य अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। देश का दुर्भाग्य है कि हमारे सेक्युलर कहे जानेवाले दलों के यह वोट बैंक बन चुके हैं और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को ताक पर रखकर यह कथित धरमनिरपेक्षता के झंडाबरदार इन अपराधियों को अपने दामाद सरीखी तवज्जो दे रहे हैं। यही है सेकुलरता का असली चेहरा कि हिन्दू होना सम्प्रदायिकता है और मुस्लमान होना सेकुलरता की गारंटी। भारत भी तभी तक धर्मनिरपेक्ष रह पायेगा जब तक हिन्दू बहुसंख्यक है जिस दिन भी हिन्दू अल्पसंख्यक हो गया उस दिन न तो यहाँ  लोकतंत्र होगा और न धरमनिर्पेक्षता न बचेंगे उसके झंडाबरदार । हमारे  आस - पास के  मुसलिम बहुसंख्यक देश इस का जीते - जागते प्रमाण हैं ,जिन्हें देखकर भी हम अपने आखों पर पट्टी बंधे हुए हैं ,क्यों ? क्या हम इस बारे में चिंतन -मनन करेंगे ?   अब समय आ चूका है कि इस भारत माँ की करुण पुकार को हम सुने और आगामी आम चुनावों में दृढ़ निश्चय और मजबूत इच्छाशक्ति वाले नेता नरेंदर मोदी को देश के प्रधानमंत्री पद पर पुरे बहुमत के साथ आसीन करने के यज्ञ में जुट जाएँ। यही हमारी पूजा है ,यही हमारा धर्म है और यही हमारा राष्ट्रिय कर्तव्य है।