Powered By Blogger

Thursday 7 August 2014

लोगों में सपा सरकार के एकपक्षीय रवैये को लेकर तो गुस्सा है ही साथ ही केंद्र की मोदी सरकार की ख़ामोशी से भी लोगों को निराशा उत्पन्न हो रही है।

 नरेंदर मोदी को देश की जनता ने अपना अपार समर्थन देकर उनको देश की बागडौर इसलिए सौंपी थी कि उनकी सरकार के रहते लोगों की बहन  -बेटियों और उनकी जान -माल को खतरा नहीं रहेगा।उत्तरप्रदेश के हालात ऐसे हो गए हैं कि देश में साम्प्रदायिक असंतोष फ़ैल रहा है जो किसी बड़ी अशांति और दंगे का कारण बन सकता ,लेकिन केंद्र में स्थापित मोदी सरकार की चुप्पी से लोगों में  घोर निराशा का भाव भी पैदा होता जा रहा है जोकि न तो बीजेपी और न ही समाज और देश के हित में होगा।सिर्फ  कानून -व्यवस्था को राज्य सरकार की जिम्मेदारी बताकर मोदी सरकार देश की जनता को चुनाव के समय 'अच्छे दिन लाने ' के वायदे को पूरा करने और लोगों को सुरक्षा देने की अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकती।आदरणीय मोदी जी देश की जनता को सबसे पहले अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की दरकार आपकी सरकार से है और विकास के सपने बाद की बात है।बहुत ही अफ़सोस है कि उत्तरप्रदेश की सपा सरकार की एकपक्षीय नीति और मुस्लिमतुष्टीकरण की दूषित मानसिकता के कारण प्रदेश में कानून का राज समाप्त हो गया लगता है और जनता देश के प्रधानमंत्री मोदी की तरफ टकटकी लगाये देख रही है कि वे उनके लिए कुछ करेंगे, परन्तु मोदी जी हैं कि कुछ बोलने को ही तैयार नहीं हैं क्यों ?पहले कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के लंगरों को वहां के मुस्लिम कट्टरपंथियों और अलगाववादियों ने सरेआम लूट लिया और तम्बुओं को आग के हवाले करके हिन्दुओं की पवित्र यात्रा को बाधित कर दिया, लेकिन केंद्र सरकार सिर्फ वहां की सरकार से रिपोर्ट मांगकर ही अपने कर्तव्यश्री की पूर्ति मानकर बैठ गयी, क्यों ?उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रमजान के दिनों में मंदिर से जबरन लाउडस्पीकर हटवाने की घटना के कारण वहां हिन्दू समुदाय में जब रोष पैदा हुआ तो भी सपा सरकार ने तो उनका दर्द नहीं सुना और केंद्र ने भी हिन्दुओं की कोई पुकार नहीं सुनी, क्यों ?इसके बाद सहारनपुर में गुरद्वारे के निर्माण को रुकवाकर मुस्लिमकट्टरपंथीओं ने जो लूटपाट ,आगजनी और मारकाट की उस घटना परभी सपा सरकार का रवैया तो एकतरफा रहा ही ,लेकिन मोदी सरकार भी लोगों को सुरक्षा का अहसास करवाने में कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई ,क्यों ?अब मेरठ के खरखौदा के एक गॉव की एक  युवती का अपहरण करके मदरसे में गैंगरेप करके और उसका जबरन धर्म परिवर्तन करवाने की गंभीर घटना घटित होने से वहां भी साम्प्रदायिक तनाव फ़ैल गया है। स्थानीय पुलिस - प्रशासन ने फिर पीड़ित लोगों की पीड़ा को न समझते हुए अपने आकाओं की चिर -परिचित नीति' एक समुदाय की तुष्टि' के अनुरूप अपना रवैया ही अपनाया। लोगों को धर्म के आधार पर बांटकर समाजवादी लबादा ओढ़े मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार किसी भी तरह से जनता के साथ एक जैसा व्यवहार नहीं कर रही।लोग इस नाकारा ,लकवाग्रस्त सरकार से मुक्ति चाहते हैं और लोगों की भावनाओं को केंद्र की मोदी सरकार को समझना ही होगा। इसी सरकार के मुख्यमंत्री के चाचा और सपा के बड़े  नेता रामगोपाल यादव की बेशर्मी तो हद से भी आगे निकल गयी है ,वह कहते हैं कि कुछ नहीं हुआ। महिलाओं और लड़कियों की इज्जत को सुरक्षित रखने में सपा सरकार बिलकुल नाकाम साबित हुयी है। सपा सरकार ने मुज्जफर नगर के दंगों के बावजूद अभी तक यह नहीं समझा कि अगर किसी समुदाय की बहन -बेटियों की लाज को दूसरा समुदाय तार -२ करेगा और पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ धर कर बैठा रहेगा तो परिणाम कभी अच्छे नहीं होंगे। समाज में दंगे और हिंसा ही फैलेगी और लोगों में सरकार के प्रति अविश्वास और गुस्सा भी रौद्र रूप धारण कर लेगा। लोगों में सपा सरकार के एकपक्षीय रवैये को लेकर तो गुस्सा है ही साथ ही केंद्र की मोदी सरकार की ख़ामोशी से भी लोगों को निराशा उत्पन्न हो रही है। जनता के दर्द को अगर मोदी सरकार नहीं समझेगी तो उसके प्रति लोगों का मोहभंग होना स्वाभाविक है जो कि निकट भविष्य में  कुछ राज्यों की विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है क्योंकि विकास से भी अधिक आवश्यकता लोगों को अपने परिवार की सुरक्षा ,बहन -बेटियों की इज्जत और अपने धर्म- संस्कृति की रक्षा की है ,इस बात को प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी बेहतर जानते होंगे। मोदी जी देश की जनता को विकास से पहले अपनी बहन -बेटियों की इज्जत की सुरक्षा चाहिए