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Saturday 12 September 2015

दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र हैं मोदी के साथ। एबीवीपी ने फहराया एकबार फिर जीत का परचम।



दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में  लगातार दूसरी बार बीजेपी से जुड़ी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने सभी सीटों (चार) पर पुनः कब्जा जमा लिया है । यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर देश की राजधानी दिल्ली के युवा शक्ति के समर्थन की मोहर मानी जा रही है।दिल्ली छात्र संघ के इन नतीज़ों का सन्देश पुरे देश में जायेगा और बिहार विधानसभा चुनावों से पहले इस चुनाव में मिली जीत से बीजेपी गद -गद है। इन नतीज़ों का असर बिहार के चुनावों पर पड़ना लाजमी है क्योंकि  दिल्ली में बिहार के छात्रों की बहुत बड़ी संख्या है। यह जीत एक तरह से मोदी सरकार की नीतियों की जीत मानी जा सकती है और विरोधिओं के लिए खतरे की घंटी। इन चुनावों ने इस बात को भी उजागर कर दिया है कि दिल्ली का युथ अरविन्द केजरीवाल के साथ नहीं है और वह आप सरकार की नीतियों के विरुद्ध है। यह चुनाव परिणाम केजरीवाल के लिए आनेवाले दिनों के लिए शुभ संकेत नहीं है।  
       कांग्रेस से जुड़ी एनयूसीवाई दूसरे नंबर पर रही। दिल्ली में 67 सीटों के साथ सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी की स्टूडेंट यूनिट सीवाईएसएस कोई कमाल नहीं कर पाई। ज्ञात हो कि इस बार अरविंद केजरीवाल की पार्टी की स्टूडेंट यूनिट ने पहली बार दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में हिस्सा लिया था। छात्र संघ के अध्यक्ष सतेंदर अवाना , उपाध्यक्ष सनी डेढ़ा , अंजली राना सचिव और छत्रपाल यादव ने सहसचिव के पद पर जीत विजय हांसिल की है । चुनाव नतीजे के एलान के साथ ही एबीवीपी समर्थकों ने जश्न मानना शुरू कर दिया है। बीजेपी दफ्तर के बाहर भी जश्न का माहौल है। इस बार DUSU इलेक्शन में सीवाईएसएस को गेम चेंजर के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन नतीजों में वह तीसरे नंबर पर लटक गई।