
यह शैतान और आतंकी देश सिर्फ और सिर्फ ताकत की भाषा ही समझता है और अब समय आ गया है कि इसको युद्ध के द्वारा नेस्तनाबूद कर दिया जाए। पाकिस्तान को यह बताने का वक्त आ गया है कि अधिकृत कश्मीर ही नहीं पूरा का पूरा पाकिस्तान ही हमारा है और अब हम उसको हर कीमत पर लेकर रहेंगे। भाड़ में गई वार्ता और बातचीत क्योंकि यह इन सब चीज़ों को समझनेवाला देश नहीं है। हकीकत यह है कि पाकिस्तानी हुक्मरानों को यह भलीभांति यकीन हो चूका है कि भारत के शासक बातचीत में ज्यादा विश्वास रखते हैं और इनको अपने देश से ज्यादा चिंता इस बात की चिंता है कि उनके बारे में विश्व की क्या राय है ? अब देश इस बात को और अधिक दिन तक सहन नहीं कर सकता कि पाकिस्तान के घुसपैंठिये जब चाहे भारत में आकर बेकसूर लोगों को अपना शिकार बनाएं और आये दिन सीमा पर गोलीबारी करके जवानों को भी मौत के घाट उतारते रहें। इसके साथ ही कश्मीर के अलगाववादी लोगों को भी चाहे वो हुर्रियत हो या कोई और देश से गद्दारी की कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए। अगर भारत की सरकार अब भी यह सोच रही है कि पाकिस्तान से वार्ता करके आतंक और सीमा के उल्लंघन की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी तो यह उसकी गलतफहमी है और इससे भारत को भविष्य में बड़ा नुकसान हो सकता है।