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Monday 26 January 2015

देश के लोकतंत्र ,गणतंत्र और धर्मनिरपेक्ष स्वरूप के अस्तित्व के लिए जेहादी जनून है खतरनाक। शक्तिशाली भारत ही है इसका सटीक जवाब।

दिल्ली [अश्विनी  भाटिया ] भारत के 66 वें गणतंत्र दिवस पर सभी देशवासिओं को बहुत - बहुत हार्दिक शुभकामनाएं। इस अवसर पर हम सब देशवासिओं को भारत को विश्व पटल पर सबसे शक्तिशाली ,समृद्धशाली और वैभवशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए दृढ़ संकल्प लेना चाहिए और आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होकर लड़ने की शपथ भी लेनी चाहिए।यही शपथ ही हमारे देश की अस्मिता और स्वाभिमान पर अपना सब कुछ न्योछावर करनेवाले असंख्य शहीदों को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिनकी[शहीदों ] वजह से हम भारत को एक गणतंत्र के रूप में देख पा रहे हैं। एक शक्तिशाली भारत ही अपनी आंतरिक और बाहरी चुनौतिओं का सामना करने में सक्षम हो सकता है।
             पूरी दुनिया इस समय आतंकवाद की आग से झुलस रही है और इस्लाम के नाम पर आतंक फ़ैलाने वाले लोग पूरी मानवजाति को निगलने की नित नई बेहूदी हरकतों को करने में लगे हुए हैं। भारत तो इस आग की तपिश को पिछले काफी वर्षों से झेल रहा था और विश्व के कई विकसित देश इस समस्या से अनभिज्ञ थे,अब जब उन देशों में भी इस आग की लपटें उठने लगी हैं तो वो बिलबिला उठे हैं और अब उन्हें भारत की चिंता भी  कुछ वाजिब लगने  लगी है। अमेरिका जैसी सुपर पॉवर जो कई दशकों से आतंकवाद के आका पाकिस्तान को अपनी गोद में बैठाकर अपना उल्लू सीधा करने में मजा ले रहा था,जब स्वयं उस पर इस आतंक की मार पड़ी तो वह बुरी तरह से बौखला गया तब  उसको इस आतंक की समस्या की गंभीरता का अहसास हुआ और उसने आतंकवाद को नष्ट करने की दिशा में कुछ पहल की। अब पूरा विश्व आतंक से चिंतित है और इसको पूरी मानव जाति के अस्तित्व के लिए खतरामान रहा है। अमेरिका के कान तो तब खड़े हुए जब उसको अपने सबसे बड़े दुश्मन ओसामा बिन लादेन के पाक में मिलने की जानकारी मिली ,इसके बाद तो पाकिस्तान की असलियत भी उसके सामने आ गई। अब विश्व भारत की चिंता को समझकर पाकिस्तान को आतंक का आका मान रहा है ,यह भारत की कूटनीतिक जीत मानी जा सकती है। अब अमेरिका को पाक से भारत अधिक विश्वसनीय मित्र लग रहा है और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बन जाने के बाद दुनिया भारत को अधिक गंभीरता से जानना चाह रही है।चिंता की बात यह है कि  भारत के भीतर भी कई ऐसे लोग बैठे हैं जिनकी अपने मजहब को फ़ैलाने के जनून में जिहादी होने में अधिक रूचि है और वो अपने विदेशी खलीफाओं के निर्देश पर भारत में आतंकवाद की फसल बोने  के षड्यंत्र में लगकर जन्नत की सैर के सपने लेते हैं। देश में छुपे आतंक के इन सपोलों को देश के कुछ राजनैतिक और कुछ अन्य संगठन जो खुद को कथित धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकारों के झंडाबरदारकहते हैं वो सब इन आतंकी जनुनियों को खाद -पानी उपलब्ध करवाने में दिन रात जुटे हुए हैं।हमें इन लोगों और संगठनों की पहचान करके सावधान रहना आवश्यक है। अगर हम ऐसे लोगों के विरुद्ध एकजुट होकर खड़े होने की हिम्मत कर लें तो कोई भी हमारे राष्ट्र का बल भी बांका नहीं कर सकता और हमारी यही हिम्मत भारत के गणतंत्र,लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष स्वरूप के रहने की गारंटी होगी।