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Friday 1 February 2019

देश और धर्म की रक्षा के लिए 2019 में भी मोदी सरकार को लाना आवश्यक है -मोदी मिशन

शाहदरा [रमन भाटिया ].यहां बाल्मीकि लव -कुश पार्क में गत सप्ताह मोदी मिशन -2019 के तत्वाधान में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें में इस बात पर विस्तृत विचार -विमर्श किया गया कि 2019 में फिर से मोदी जी के नेतृत्ववाली सरकार को लाना क्यों आवश्यक हो गया है। गोष्टी की अध्यक्षता मास्टर रामपाल सिंह जी ने की और संचालन भाजपा युवा नेता विशाल भारद्वाज द्वारा किया गया 
                  मिशन के दिल्ली प्रान्त के संयोजक श्री राष्ट्र प्रकाश जी ने गोष्ठी का शुभारम्भ करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने अपने पौने पांच वर्ष के कार्यकाल में ढेरों ऐसे कार्य किये हैं जो जनहित और राष्ट्रहित आज तक की अन्य सरकारों ने नहीं किये। उन्होंने इन कार्यों को विस्तृत रूप से लोगों के सम्मुख रखा। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में भारत आज विश्व में अपना प्रमुख स्थान पाने में सफल रहा है। आज पूरी दुनिया भारत को सम्मान की दृष्टि से देखती है और आर्थिक व् सैन्य मोर्चे पर की गयी प्रगति का लोहा भी मानती है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश की समस्त जनता को स्वच्छता की राह पर चलने को प्रेरित किया है और अब लोग भी इसकी अहमियत को समझने लगे हैं। आज भारत खुले में शौच करने से लगभग मुक्त हो चूका है।देश की महिलाओं को सम्मान से जीने का मार्ग सरकार ने प्रशस्त किया है। मोदी सरकार के कार्यकाल में भ्र्ष्टाचार पर लगाम लगी है और भ्र्ष्टाचारियों पर क़ानूनी शिकंजा भी कस दिया गया है। भ्र्ष्टाचार के उन्मूलन के लिए मोदी जी द्वारा उठाये गए कठोर निर्णयों से ही विरोधी बिलबिला उठे हैं और उनसे अकेले मुकाबला करने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाने की स्थिति में पहुंचकर गठबंधन बनाकर खुद को सत्तासीन करने का प्रपंच रच रहे हैं।देश को लूटने वाले इन विरोधियों की हर चाल को देश की जनता अच्छी तरह से समझ भी रहीं है।     
                   अधिवक्ता और पत्रकार अश्विनी भाटिया ने इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए कहा कि मनुष्य के लिए विकास के साथ -साथ सुरक्षा भी बहुत ही आवश्यक होती है। अगर कोई भी व्यक्ति चाहे कितना भी आर्थिक रूप से सम्पन्न क्यों न हो अगर वह सुरक्षित नहीं है तो वह कभी चिंता मुक्त नहीं रह सकता। उसको हमेशा अपनी जान और सम्पत्ति के नुकसान होने का भय सताता रहेगा । इसलिए कोई भी समाज और राष्ट्र तभी विकास कर सकता है जब उसकी सुरक्षा सुदृढ़ हो और नागरिकों में खुद के सुरक्षित होने का विश्वास कायम हो। उन्होंने कहा की मोदी जी ने देश और जनता को स्वाभिमान से जीने का वातावरण उपलब्ध करवाया है इसीलिए देश की जनता 2019 में फिर से मोदी जी को सत्ता सौपने का संकल्प ले चुकी है। उन्होंने कहा हिन्दुओं ने कभी भी इतिहास से सबक नहीं सीखा कि हम एक हज़ार साल तक विदेशी आक्रांताओं के गुलाम क्यों रहे ?जिन कारणों से हिन्दू और हिन्दुस्थान पहले गुलाम हुआ था आज भी वही कारण बने हुए हैंउन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत माँ हमेशा ही अपने अंदर छुपे बैठे जयचंदों के कारण पराजित होती रही है। आपसी फूट और निजी स्वार्थों के कारण मुस्लिम आक्रांता यहां आते रहे और हमारे राष्ट्र ,धर्म और मासूम नागरिकों को अपने अत्याचारों से लहूलुहान करते रहे।आज भी हमारे देश में जयचंदों की कमी नहीं है जो अपने निजी स्वार्थों के कारण हमारे धर्म और देश के अस्तित्व को चुनौती देने में लगे हुए हैं। 2014 में मोदी  प्रधानमंत्री बनने के बाद राष्ट्र और हिन्दू विरोधी ताकतों पर अंकुश लगा है जिससे वोट की राजनीती करनेवाले राजनैतिक दल और राष्ट्र विरोधी तत्व बहुत परेशान हैं।अब इन तत्वों से निपटना हमारे लिए नितांत आवश्यक हो गया है। हमें इसके लिए पहले से भी ज्यादा सचेत रहना होगा क़ि कहीं हम अपने तात्कालिक लाभ के चक्कर में अपनी आनेवाली पीढ़ियों और राष्ट्र का कोई दीर्घकालिक नुकसान न कर बैठें। यह हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम अपने धर्म और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए 2019 में फिर से मोदी जी के नेतृत्ववाली भाजपा सरकार को लाएं और इसके लिए हमें हर स्तर पर अभी से जुट भी जाएँ ।
               
      स्थानीय निगम पार्षद और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में नेता सदन निर्मल जैन ने भी मोदी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया और कहा कि जनता 2019 में भी मोदी जी के हाथ में देश की बागडौर देने का प्रण कर चुकी है। निगम पार्षद संजय गोयल ने मोदी सरकार द्वारा देश और जनता के हित में चलाई जा रही सभी कल्याणकारी योजनाओं को विस्तार के साथ लोगों के सम्मुख रखा और कहा कि हमें जन -जन तक इस बात को पहुंचना चाहिए कि मोदी जी के नेतृत्व में ही भारत एक सषक्तिषाली और स्मृधशाली राष्ट्र बन सकता है। सबका साथ और सबका विकास मोदी सरकार के साथ ही संभव है। 
   भाजपा के वरिष्ठ नेता विपिन जैन ने भी देश की समृद्धि और विकास के लिए 2019 में मोदी सरकार को लने का संकल्प लिया और इसके लिए हर संभव परिश्रम करने का आह्वान भी किया।  
              गोष्ठी को मोदी मिशन के राष्ट्रिय सह संयोजक वीरेंद्र रावत [अधिवक्ता ]ने भी भी सम्बोधित किया और और मोदी मिशन -2019 के लिए घर -घर जाकर लोगों को यह जानकारी देने को खा कि मोदी जी को दुबारा लाना क्यों जरूरी है। अन्य उपस्थित बुद्धिजीवी सज्जनों में -विजय कपूर ,कुलदीप शर्मा,पूर्व निगम पार्षद मास्टर बलबीर सिंह ,श्रीमती अर्चना कंसल ,कृष्ण गोपाल शर्मा [भाजपा मंडल अध्यक्ष शाहदरा ],मदन शर्मा ,रविंद्र कुमार ,अधिवक्ता अशोक गोयल सहित बड़ी संख्या में समाज के हर वर्ग के लोग भी उपस्थित हुए। 

Tuesday 22 January 2019

आज़ाद भारत की कमान अगर नेताजी के हाथ आती तो आज दुनिया की सिथति कुछ और ही होती ।

दिल्ली [वॉयस ऑफ़ भारत ] भारतीय स्वाधीनता संग्राम के महानायक और आज़ाद हिन्द सरकार के प्रथम प्रधानमंत्री नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्म दिवस पर उनके चरणों में हमारा शत -शत नमन। भारत की आज़ादी के लिए लाखों असंख्य लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी जिसके परिणाम स्वरुप हमें 15 अगस्त, 1947 को विदेशी शासन से मुक्ति मिली। स्वाधीनता संग्राम में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस एक ऐसे महानायक हैं जिन्होंने उस समय के सबसे शक्तिशाली अंग्रेजी शासकों के विरुद्ध सशस्त्र युद्ध किया और अंग्रेजी साम्राज्य की जड़ों को हिला कर रख दिया। नेताजी ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध लड़ रही  देशों की संयुक्त सेना के साथ अपनी आज़ाद हिन्द फ़ौज़ को भी युद्ध के मैदान में उतार कर दुश्मनों के हौंसलें पस्त कर दिए। अफ़सोस जनक बात यह रही की देश की आज़ादी मिलते समय नेताजी न जाने कहाँ लोप हो गए।

नेता जी का जन्म 23 जनवरी ,1897 को  उड़ीसा के कटक में एक बंगाली परिवार में हुआ। इनके पिता जानकीनाथ एक जाने -माने वकील थे और माता प्रभावती एक धर्मपरायण भारतीय संस्कारों से ओत -प्रोत महिला थी।नेताजी की शिक्षा -दीक्षा श्रेष्ठ स्तर की हुई और उन्होंने उच्च शिक्षा विदेश में जाकर प्राप्त की । उन्होंने आई सी एस परीक्षा पास करके अंग्रेजी शासन का प्रशासनिक अधिकारी का पद ठुकरा कर देश की आज़ादी की लड़ाई में कूदने का रास्ता चुना। वह कांग्रेस में शामिल हो गए ,लेकिन उनको अन्य कांग्रेसी नेतायों की गिड़गिड़ाने की नीति रास नहीं आई और उन्होंने शीघ्र ही अपना अलग रास्ता पकड़ा। 1938 में वह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। 1939 में नेताजी महात्मा गांधी के विरोध के बावजूद कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव जीत गए। अपने समर्थित उम्मीदवार पट्टाभि  सीतारमैय्या की पराजय को महात्मा गांधी ने अपनी निजी हार माना। इसके बाद नेताजी ने कांग्रेस को त्याग कर अपनी अलग राह पकड़ ली। नेताजी महात्मा गांधी की उदारवादी नीति से सहमत नहीं थे ,वह आज़ादी को ताकत के बल पर हासिल करना चाहते थे और इसके लिए आज़ाद हिन्द फ़ौज़ उनकी कमांड में अंग्रेजों के विरुद्ध पूरी ताकत से लड़ी।नेताजी [1933 -1936 ] यूरोप में रहे और यह दौर था हिटलर के नाजीवाद और मुसोलिनी के फासीवाद का। नाजीवाद और फासीवाद का निशाना इंग्लैंड था, जिसने पहले विश्वयुद्ध के बाद जर्मनी पर एकतरफा समझौते थोपे थे। वे उसका बदला इंग्लैंड से लेना चाहते थे। भारत पर भी अँग्रेज़ों का कब्जा था और इंग्लैंड के खिलाफ लड़ाई में नेताजी को हिटलर और मुसोलिनी में भविष्य का मित्र दिखाई पड़ रहा था। दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। उनका मानना था कि स्वतंत्रता हासिल करने के लिए राजनीतिक गतिविधियों के साथ-साथ कूटनीतिक और सैन्य सहयोग की भी जरूरत पड़ती है।

सुभाष चंद्र बोस ने 1937 में अपनी सेक्रेटरी और ऑस्ट्रियन युवती एमिली से शादी की। उन दोनों की एक अनीता नाम की एक बेटी भी हुई जो वर्तमान में जर्मनी में सपरिवार रहती हैं। नेताजी हिटलर से मिले। उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत और देश की आजादी के लिए कई काम किए। उन्होंने 1943 में जर्मनी छोड़ दिया। वहां से वह जापान पहुंचे। जापान से वह सिंगापुर पहुंचे। जहां उन्होंने कैप्टन मोहन सिंह द्वारा स्थापित आज़ाद हिंद फ़ौज की कमान अपने हाथों में ले ली। उस वक्त रास बिहारी बोस आज़ाद हिंद फ़ौज के नेता थे। उन्होंने आज़ाद हिंद फ़ौज का पुनर्गठन किया। महिलाओं के लिए रानी झांसी रेजिमेंट का भी गठन किया जिसकी लक्ष्मी सहगल कैप्टन बनी। 'नेताजी' के नाम से प्रसिद्ध सुभाष चन्द्र ने सशक्त क्रान्ति द्वारा भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर, 1943 को 'आज़ाद हिन्द सरकार' की स्थापना की तथा 'आज़ाद हिन्द फ़ौज' का गठन किया इस संगठन के प्रतीक चिह्न पर एक झंडे पर दहाड़ते हुए बाघ का चित्र बना होता था।नेताजी अपनी आजाद हिंद फौज के साथ 4 जुलाई 1944 को बर्मा पहुँचे। यहीं पर उन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा, "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" दिया। 18 अगस्त 1945 को तोक्यो जाते समय ताइवान के पास नेताजी की मौत हवाई दुर्घटना में हो गई, लेकिन उनका शव नहीं मिल पाया। नेताजी की मौत के कारणों पर आज भी विवाद बना हुआ है।आज़ाद भारत कि सरकारों ने नेताजी नाइंसाफी की है। उनके द्वारा भारत माँ की जो सेवा की गई है वह अतुलनीय है और उनकी आज़ादी की लड़ाई में योगदान को कांग्रेस ने जानबूझ कर वह महत्व नहीं दिया जिसके वो हक़दार है। अगर भारत आज़ादी नेताजी के नेतृत्व में मिलती तो भारत आज दुनिया  के नक़्शे में दूसरी तस्वीर होती और दुनिया नक्शा भी कुछ और ही होता।जो राष्ट्र अपने महानायकों को भूल जाता है न तो दुनिया में उसको सम्मान मिलता है और न ही उसका अस्तित्व अधिक दिन तक बचा रह सकता है। हम आज अपने राष्ट्र के महानायक नेताजी की जयंती पर उनके चरणों में अपना शत -शत नमन करते और उनकी नीतियों पर चलकर अपने राष्ट्र की रक्षा और सेवा का संकल्प लेते हैं।- जय हिन्द। [अश्विनी भाटिया ] 






  









       

          



Sunday 20 January 2019

राष्ट्रवादी मोदी जी के सामने नहीं टिक पायेगा कोई भी भ्र्ष्टाचारी गठबंधन -भाजपा उपाध्यक्ष दुष्यंत गौतम


शाहदरा। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष श्री दुष्यंत कुमार गौतम को पार्टी ने आगामी आम चुनावों हेतु उत्तर प्रदेश का सहप्रभारी बनाकर पार्टी में उनकी अहमियत को दर्शाने का ही काम किया है। अब गौतम जी की जिम्मेदारी पहले से भी अधिक महत्त्वपूर्ण हो गयी है। उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा ने चुनावी गठबंधन करके भाजपा के सामने एक कड़ी चुनौति खड़ी कर दी है ऐसे में पार्टी को पहले से भी अधिक ताकत से आगामी चुनावी समर में उतरना पड़ेगा। गत सप्ताह  सजग वार्ता डॉट कॉम के प्रतिनिधि अश्विनी भाटिया ने श्री गौतम से आगामी चुनावों में भाजपा की तैयारी और चुनावी रणनीति को लेकर विस्तृत बातचीत की । यहां उसी बातचीत के कुछ अंश प्रस्तुत है ;
          श्री गौतम ने बताया कि आगामी चुनावों में भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपनी केंद्र सरकार द्वारा किये गए जनहित और विकास कार्यों की पूंजी लेकर जनता के सामने जाएगी। वह इस बात से भी इंकार करते हैं कि सपा -बसपा या अन्य किसी भी गठबंधन से कोई गंभीर चुनौति भाजपा को मिलेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की कई ऐसी उपलब्धियां हैं जिनको आज तक कोई भी दूसरी सरकार अपने 60 वर्षों में भी प्राप्त नहीं कर पाईं थीं। श्री गौतम कहते हैं कि मोदी जी की नियमित काम करने की अद्भुत कार्य क्षमता और ऊर्जा का लोहा पूरा विश्व भी मान रहा है। मोदी जी की कुशल और सटीक सोच का ही यह नतीजा है कि आज भारत अपनी आंतरिक समस्यायों को नियंत्रित करने के साथ -साथ विश्व पटल पर भी अपना दबदबा कायम करने में सफल रहा है। मोदी जी के नेतृत्व में भारत विकास की राह पर तो तीव्र गति से दौड़ ही रहा है वहीं देश में प्रशासनिक व् राजनैतिक भ्र्ष्टाचार पर भी पूरी ताकत से चोट की गई है। मोदी सरकार की भ्र्ष्ट लोगों के विरुद्ध अपनाई गई कठोर नीति से भ्र्ष्टाचार में आकंठ डूबी पार्टियां घबरा गई हैं इसी घबराहट के कारण वह अनैतिक गठबंधन करने में जुट गए हैं। यह मोदी जी के ईमानदार ,निःस्वार्थ और राष्ट्रवादी व्यक्तित्व का करिश्मा ही है कि आज पूरा विपक्ष मोदी जो को हटाने के लिए एकजुट होने के लिए सर पटक रहा  है। वह कहते हैं कि मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षों में देश को जहां विकास के शिखर पर पहुंचाया है वहीं भारत को आर्थिक और सैन्य महाशक्ति के रूप में विश्व के सम्मुख खड़ा किया है। वह कहते हैं कि शैक्षणिक संस्थानों और नौकरियों में सभी धर्मों को एकसमान मानते हुए सवर्ण जाति के गरीब लोगों को भी आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत का आरक्षण देकर मोदी सरकार ने अपने मूल मंत्र -सबका साथ - सबका विकास को चरितार्थ करके दिखा दिया है। 
             श्री गौतम जी आतंकवाद के मुद्दे पर कहते हैं कि मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस की ठोस नीति के कारण ही हमारी सरकार ने आज पाकिस्तान को पूरी दुनिया में बेनकाब करके यह प्रमाणित कर दिया है कि पाकिस्तान ही भारत और अन्य देशों में आतंकवाद को सप्लाई कर रहा है। मोदी जी की कुशल कूटनीति का ही यह असर है कि आज पाकिस्तान पूरी दुनिया में अलग -थलग पड़ चूका है और उसको विदेशों से मिलनेवाली आर्थिक मदद भी बंद हो चुकी है जिसके कारण उसकी भूखों मरने की नौबत आ चुकी है। कश्मीर के अंदर की जा रही पाकिस्तानी घुसपैंठ को रोकने में भी हमें विशेष सफलता मिली है। कश्मीर में आतंकवादियों और घुसपैठियों को हमारे सुरक्षाबल चुन -चुनकर ठिकाने लगाने में दिनरात जुटे हुए हैं इससे इस अशांत राज्य को शांति की ओर वापिस लाया जा रहा है।
         अपनी सरकार की विशेष उपलब्धि के तौर पर श्री गौतम  स्वच्छ भारत अभियान के अधीन पूरे देश में  गांव -गांव में बनाये गए शौचालयों का जिक्र करते हुए कहते हैं कि मोदी जी के इस अभियान से शौचालयों का निर्माण होने से करोड़ों लोगों को खुले में शौच करने की प्रवृति से मुक्ति मिल गई है ,इन शौचालयों के बनने से सबसे अधिक राहत हमारी बहिन -बेटियों को मिली है। अपनी इन उपलब्धियों के साथ हमारी पार्टी चुनावी समर में उत्तर रही है जिसका लाभ उनको मिलना तय है। 

  श्री गौतम ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की बेटियों को सम्मान देने के लिए  बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को सिर्फ नारे तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि इसको अमली जामा पहनाया। गरीब और कमजोर लोगों को चाहे घर देने का काम हो या गरीब महिलाओं को चूल्हे के धुंए से मुक्ति दिलाने हेतु उज्ज्वला योजना,इन सभी मोर्चों पर सरकार ने अहम कार्य किया है। आज कई करोड़ गरीब महिलाएं उज्ज्वला योजना से अपना परिवार उज्ज्वल करने में कामयाब हुई हैं। गरीब लोगों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाने के लिए सरकार आयुष्मान योजना को लेकर आयी और हर कमजोर और गरीब परिवार को इलाज करवाने के लिए पांच लाख तक की रकम खर्च करके उनके जीवन को स्वस्थ बनाने में जुटी हुई है। 
     
           श्री गौतम कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में श्री योगी जी के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार ने प्रदेश को गुंडा रहित बनाकर जनता को भयमुक्त किया है। आज प्रदेश में हमारी बहिन -बेटियां स्वयं को पहले से कहीं अधिक सुरक्षित महसूस कर रही हैं। प्रदेश को दंगा मुक्त करने में योगी सरकार की विशेष उपलब्धि रही है।आज प्रदेश में हर जाति ,धर्म और वर्ग के लोग शांति से अपने जीवन को खुशहाली की राह पर ला रहे हैं।योगी जी ने कानून व्यवस्था को चाक -चौबंद करके पुरे प्रदेश को साम्प्रदायिक दंगों से भी मुक्त किया है।आज इसी कारण उत्तर प्रदेश में सभी धर्म -सम्प्रदाय के लोग आपसी मेल -मिलाप से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। वह योगी सरकार द्वारा सत्ता संभालते ही  किसानों की कर्ज माफ़ी के कदम को किसानों के हित में उठाया गया कदम बताते हैं। उनसे जब यह पूछा गया कि आवारा पशुओं  द्वारा फसल बर्बाद करने की समस्या से किसानों को निजात दिलाने की क्या योजना है ? तो उन्होंने कहा कि इस समस्या के प्रति सरकार गंभीर है और शीघ्र ही किसानों को इस समस्या से भी छुटकारा दिलवा दिया जायेगा। 
           श्री रामजन्म भूमि पर राम मंदिर के निर्माण के बारे में उनसे पूछने पर उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्री राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर बनाना भाजपा का संकल्प है जिसको पूरा करने के लिए हमारी पार्टी का हर संभव प्रयास रहेगा। वह कहते हैं कि हम कोर्ट का सम्मान करते हैं और हमारी कोर्ट से यह अपेक्षा भी है कि देश के करोड़ों लोगों की धार्मिक आस्था का वहां आदर होगा और इस मामले का शीघ्र निस्तारण होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ही एकमात्र ऐसी सी राजनैतिक पार्टी है जो करोड़ों हिन्दुओं की धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था के प्रतीक भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण करवाने की पक्षधर है और भाजपा ही इस निर्माण को करवाएगी।भाजपा इस मामले में कानून सम्मत जो भी कदम उठाने होंगे उठाने से नहीं हिचकेगी। 
      अंत में श्री गौतम जी ने कहा कि 2019 के आम चुनाव में देश की जनता एक बार फिर देश की बागडौर आदरणीय नरेंद्र मोदी जी को ही सौपने का संकल्प ले चुकी है। बेशक अभी हाल में हुए 5 राज्यों की विधानसभा चुनावों में भाजपा 3 राज्यों की सत्ता गवां चुकी हो परन्तु उस हार के स्थानीय कारण हो सकते है ,लेकिन लोकसभा चुनावों में मतदाता अपने राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए मोदी जी के पक्ष में ही मतदान करेगा। ऐसा हम सभी देशवासियों का विश्वास है। मोदी जी ने अपने कार्यकाल में भारत को विश्व में आज एक आर्थिक और सैनिक महाशक्ति के रूप में प्रस्तुत कर दिया है जिससे कुछ विदेशी ताकतें तो दुखी हैं ही साथ ही देश के अंदर बैठे कुछ अलगाववाद के हितैषी कथित बुद्धिजीवी भी परेशान देखे जा रहे हैं।मोदी जी से दुखी यही लोग अपने विदेशी आकाओं के इशारे पर मोदी जी को बदनाम करने के लिए राफेल डील में गड़बड़ी होने के झूठे आरोप लगाकर अपनी कुंठा को ही उजागर कर रहे हैं क्योंकि इस लड़ाकू विमान राफेल की खरीद सौदे में सरकार द्वारा अपने गई प्रक्रिया को सर्वोच्च न्यायालय भी सही ठहरा चूका है। 

                     इस चुनाव में इस तरफ राष्ट्रभक्त ,ईमानदार मजबूत इरादोंवाला मोदी जी का नेतृत्व है और दूसरी तरफ जातिवादी ,परिवारवादी ,साम्रदायिक तुष्टिकरण के पोषक ,विघटन-अलगाववाद के समर्थक और भ्र्ष्टाचार के आरोपों में आकंठ डूबे लिप्त नेताओं का गिरोह है जिनका एकमात्र एजेंडा सिर्फ मोदी जी को सत्ता से हटाकर खुद के काले कारनामों पर की जा रही कार्रवाई को रुकवाना है। इस निजी स्वार्थ के अलावा इन भ्र्ष्ट नेताओं का कोई दूसरा उद्देश्य नहीं है। इस चुनावी समर में देश की जनता इन अवसरवादी भ्र्ष्ट लोगों को भलीभांति पहचानती है और वह कभी भी इस गिरोह के नापाक मंसूबों को पूरा नहीं होने देगी।         

Wednesday 8 August 2018

गौकशी को लेकर बने तनाव और टकराव पर आधारित फिल्म 'उन्माद' में निगेटिव रोल में दिखेंगे अमित पुंडीर।


दिल्ली [अश्विनी भाटिया ] मेरठ के रहनेवाले युवाअमित पुंडीर को अब बॉलीवुड फिल्म उन्माद  में एक सशक्त भूमिका में देखा जायेगा। आगामी 10 अगस्त को रिलीज होने जा रही है इस फिल्म के प्रदर्शित होने को लेकर अमित बहुत ही उत्साहित हैं और उनको इसके सफल होने की भी पूरी उम्मीद ही। इस फिल्म में अमित एक नकारात्मक भूमिका में देखे जाएंगे।मॉडलिंग से अपना फ़िल्मी कैरियर शुरू करनेवाले अमित पश्चिमी उत्तरप्रदेश के एक गांव के रहनेवाले हैं और इनकी शिखा -दीक्षा भी मेरठ में ही पूर्ण हुयी है। पुंडीर पिछले कई वर्षों से मुंबई की फ़िल्मी नगरी में अपने कैरियर को लेकर संघर्षरत हैं।अभी तक कई ऐड फिल्म और लघु फिल्मों में काम कर चुके पुंडीर कहते हैं कि उनका सपना इस फिल्म से पूरा होने जा रहा है।उनके दिल में एक इच्छा पिछले लम्बे समय से पल रही थी कि वह किसीअच्छे बैनर तले बनी बॉलीवुड फिल्म में एक नकारात्मक रोल में दर्शकों के सामने अपने अभिनय कला को प्रदर्शित करें, जो इस फिल्म 'उन्माद 'के साथ पूरी हो रही है। कबीरा इंटरटेनमेंट बैनर तले बनी इस  फिल्म उन्माद  का निर्देशन शाहिद कबीर ने किया है और इसके निर्माता शाहिद कबीर और आदित्या रोशन हैं। 

      फिल्म की कहानी दो सम्प्रदायों के बीच गौकशी को लेकर उठे तनाव और टकराव पर आधारित है। इसमें पुंडीर ने शंकर योगी की नकारात्मक भूमिका निभाई है जो गौकशी पर राजनीति करते हैं। फिल्म में शंकर योगी गौ रक्षा के नाम पर सिर्फ राजनीति  देखे जायेंगे जबकि वास्तव में उनको गऊ को बचाने से कोई सरोकार  नहीं होगा। 10 अगस्त को दिल्ली सहित कई राज्यों में इसका एक साथ प्रदर्शन किया जायेगा। अमित ने हमारे प्रतिनिधि से बात करते हुए बताया कि इसमें उनके साथ अन्य कलाकारों में नीरज गिरी ,संदीप शर्मा ,इम्तयाज अहमद ,ज्योति पाटिल ,निकिता विजयवर्गीय ,मयंक गर्ग और प्रदीप सहित कई दूसरे कलाकार भी दिखाई देंगे। फिल्म का संगीत किशोर रावत और बाइक ग्राउंड म्यूजिक अविक चटर्जी का है। फिल्म की डबिंग और मिक्सिंग सुपरवाइजर इश्त्याक अहमद ने की है और आर्ट डायरेक्शन श्रीकांत पांडेय एवं सुजीत कुमार हैं।अमित कहते हैं कि यह फिल्म उनके लिए एक परीक्षा की घड़ी के रूप में हैं जिसकी नंबरिंग करना दर्शकों के जिम्मे है। वह कहते हैं कि मुझे पूरा विश्वास है कि  वह और पूरी फिल्म की टीम इस परीक्षा में अच्छे नंबरों से पास होंगे और फिल्म भी दर्शकों के मन -मस्तिष्क में अपनी छाप छोड़ने में सफल होगी।

Wednesday 11 April 2018

24 वीं पुण्यतिथि पर पिताजी के चरणों में हमारा शत -शत नमन। आपका स्नेह और आशीर्वाद हम पर हमेशा बना रहे।

[परम पूजनीय पिता स्व. चौ .राम लाल जी भाटिया ]

                 आज से चौबीस  वर्ष पूर्व 12 अप्रैल ,1995 को आप बेशक भौतिक रूप से हमसे दूर चले गए , परन्तु हमारे मन -मस्तिष्क मे  बसी आपकी अमिट मधुर स्मृतियाँ समय -समय पर मुझे इस बात का अहसास कराती रहती हैं कि आप  हमसे अलग होकर कहीं भी नहीं गए अपितु आप आज भी हमारे साथ ही हैं। जब कभी -भी किसी ऐसी विपत्ति ने मुझे घेरा जिसमें आपके मार्गदर्शन या सहयोग की आवश्यकता  महसूस हुई तो आपने अदृश्य रूप में उस उलझन से निकलने का  मार्गदर्शन देकर अपने  पिताधर्म को निभाया।आपके द्वारा अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध  संघर्ष करने के बताए गए मार्ग पर मैं आज भी चल रहा हूँ । हम आज आपकी 24 वीं पुण्यतिथि पर आपके चरणों में अपना  शत -शत नमन करते हैं और आपसे यही प्रार्थना करते हैं  कि आप अपना स्नेह और आशीर्वाद हमारे पुरे परिवार पर हमेशा बनाये रखें।                                          

                     आपने हमेशा यही कहा  कि 'विरोधी चाहे कितना भी शक्तिशाली और प्रभावशाली क्यों न हो अगर हमारे पास सच्चाई और अपने बड़े -बजुर्गों का आशीर्वाद है तो जीत हमें ही मिलनी तय है,'आपकी इसी सीख के कारण मैं  भी समाज के पीड़ित वर्ग के  कमजोर और असहाय व्यक्ति के साथ चट्टान की तरह खड़ा होकर उसकी पीड़ा को मुखर वाणी देकर सत्ता के शीर्ष पर बैठे शासकों तक पहुंचाकर उसकी समस्या का निदान करवाकर ही दम लेता हूँ और आपके आशीर्वाद से जीत हमेशा मेरे साथ आ खड़ी होती है। मेरी आपसे और ईश्वर से यही कामना है कि आपके  स्नेह और आशीर्वाद की छत्रछाया सदैव हम पर बनी रहेगी। मैं आज भी आपके द्वारा दी गई जनहित में कार्य करने प्रेरणा के कारण ही  चौ. रामलाल भाटिया चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से समाज के पिछड़े और कमजोर वर्ग के लोगों के हित में कार्य करने को अपना परम् सौभाग्य मानता हूँ। आपके चरणों में हम सदैव नतमस्तक रहेंगे,और आपके दिखाए रस्ते पर चलकर जीवन व्यतीत करने को ही अपना क्षत्रिय धर्म-कर्म मानते हैं। आपका स्नेह और आशीर्वाद हम पर हमेशा बना रहे। 

Wednesday 4 April 2018

ओलम्पिक गेम में स्वर्ण पदक जीतना ही मेरा सपना -हैटट्रिक मेन रैसलर हरप्रीत सिंह संधू

               भारत के पहलवानो ने कुश्ती में अपना परचम हमेशा से ही पूरी दुनिया में फहराया है। कुश्ती हमारे देश की संस्कृति में रचा -बसा खेल है जो आदि काल से ही हमारे ग्रामीण जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।इस भारतीय खेल को जितना प्रोत्साहन सरकारों द्वारा दिया जा रहा है अगर उसको और अधिक बढ़ा दिया जाये तो हमारे पहलवानों ने विश्व स्तरीय मुकाबले में और अच्छे परिणाम आ सकते हैं। हमारे देश में जितनी लोकप्रियता और सरकारी /गैर सरकारी प्रोत्साहन विदेशी खेल क्रिकेट को मिला है अगर उसका आधा भी हमारे पारम्परिक खेलों -कुश्ती ,कबड्डी और हॉकी को मिलता तो खेल की दुनिया में भारत का नाम सबसे ऊँचा हो सकता था। 

                        कुश्ती  में पंजाब के पहलवानो का दबदबा हमेशा से ही रहा है। 1966 में पंजाब से अलग हुए हरियाणा ने भी इस खेल में आना लोहा पूरी दुनिया से मनवाया है। पंजाब के संगरूर जिले की मूनक तहसील के गांव कडैल के एक किसान परिवार में सन 1993 में जन्मे हरप्रीत सिंह संधू ने कुश्ती में अपनी योग्यता और मेहनत से भारत का नाम कई बार रोशन किया है। हरप्रीत ने एशियाई चैम्पियनशिप मुकाबले में लगातार तीसरी बार कांस्य पदक जीतकर अपना और भारत का दबदबा कायम रखा है। आज रैस्लिंग की विश्व रैंकिंग में हरप्रीत संधू का चौथा स्थान है।  सजगवार्ता डॉट कॉम प्रतिनिधि अश्विनी भाटिया ने हरप्रीत सिंह संधू से एक मुलकात कर विस्तृत बातचीत की। हरप्रीत के दादा श्री बलवंत सिंह जी भी अपने समय के नामी पहलवांन थे और पिता श्री लक्ष्मण सिंह कबड्डी के खिलाडी रह चुके हैं। इस तरह से हम कह सकते हैं कि हरप्रीत को खेल का जूनून उनके खून से ही मिला है। पंजाब से ही स्नातक की पढ़ाई करनेवाले हरप्रीत इस समय पंजाब पुलिस में सब -इंस्पैक्टर के पद पर आसीन हैं। कुश्ती में हरप्रीत के विश्व स्तर पर अब तक के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब सरकार को अविलम्ब उन्हें पुलिस उप अधीक्षक पद पर प्रौन्नति देनी चाहिए। ज्ञात हो कि लगातार तीसरी बार पदक जितने का रिकार्ड भी हरप्रीत के नाम ही है इससे पहले भारत के किसी भी दूसरे पहलवान ने यह करिश्मा नहीं किया है। हरप्रीत बचपन से ही अखाड़े में अपना पसीना बहाने लगे थे और अपनी पढ़ाई के साथ -साथ कुश्ती के भी नए -2 दाव पेच सीखते रहे। 

हरप्रीत ने छात्र जीवन के दौरान ही कई कुश्तियों में विजय हांसिल की और उनका नाम बड़े पहलवानों में शामिल हो गया। इनको सन 2008 पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में विदेशी पहलवानों से लड़ने का अवसर मिला जिसमें उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा। इसके बाद वह  2009 में सब जूनियर ऐशियन कप के 85 किलो वर्ग के मुकाबले में उतरे और उनको सिल्वर मेडल मिला। उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए भारत सरकार ने उनको रेलवे में सर्विस प्रदान कर दी और 2 वर्ष तक यहां रहने के बाद हरप्रीत को पंजाब सरकार ने 2017 में पंजाब पुलिस में एस आई के पद पर नियुक्ति दे दी। तब से वह राष्ट्रिय और अंतर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धायों में पंजाब पुलिस का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं।
                        हरप्रीत कहते हैं कि कुश्ती के लिए शरीर और मस्तिष्क दोनों का स्वस्थ होने के साथ -साथ दोनों का आपसी तालमेल होना भी बहुत अनिवार्य 
होता है। पहलवानॉ के लिए अच्छी और पौष्टिक खुराक के साथ ही अच्छे मार्गदर्शन का होना भी जरूरी है। इसके साथ ही सरकार से भी पुरस्कार और प्रोत्साहन राशि भी समय -समय पर मिलती रहे ताकि वह मुकाबले में अपने विरोधी को धूल चटा सके। ऐशियन चैम्पियन कुश्ती में पिछली तीन बार से लगातार हरप्रीत तीसरे स्थान पर काबिज हैं।पहली बार उन्होंने थाईलैंड में एशियन चैमियनशिप , दूसरी बार दिल्ली में और अब तीसरी बार किर्गिस्तान में एशियन चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतकर अपनी हैटट्रिक बनाई।हैटट्रिक का रिकार्ड भी हरप्रित के नाम ही है।हरप्रीत ने 2 बार कॉमन वेल्थ गेम चैम्पियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीते हैं। पहला सन 2016 में सिंगापुर कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में और दूसरा 2017 में साऊथ अफ्रीका कॉमनवेल्थ गेम चैम्पियनशिप में कुश्ती में गोल्ड मेडल जीतकर भारत को सम्मान दिलाया है।     

          हरप्रीत भी इस बात को मानते हैं कि हमारे देश में लोगों का क्रिकेट की ओर अधिक रुझान है। इसी कारण बड़ी -बड़ी कंपनियां भी क्रिकेट को प्रोत्साहित करती हैं और आर्थिक मदद भी करती हैं जबकि हमारे परम्परागत खेल इस प्रोत्साहन से वंचित हैं। इनका कहना है कि अगर कुश्ती जैसे खेलों को क्रिकेट की तरह बड़े प्रायोजक मिल जाएँ तो हमारे खिलाडी विश्व पटल पर भारत का डंका बजा सकते हैं। हमारे देश के खिलाडी हर प्राकृतिक वातारवरण में अपना अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम हैं। जब उनसे यह पूछा गया कि उनका भविष्य में क्या करने का इरादा है तो वह बड़े गंभीर होकर बोले कि उनका सारा ध्यान 2020 में होनेवाले ओलम्पिक खेलों में पदक जीतकर भारत का नाम विश्व ने ऊँचा करना है और वह दिन -रात अपने इसी टारगेट को पाने के लिए जी -तोड़ मेहनत करने में लगे हुए हैं। 
                   हरप्रीत का कहना है कि भारत के खिलाडियों को विष के दूसरे देशों के खिलाडियों के मुकाबले बेशक कम सुविधाएँ मिलती हैं पर हमारा हौंसला उनसे कहीं अधिक है। उन्होंने इस केंद्र सरकार की नई खेल टॉप नीति को खेलों के प्रोत्साहन के लिए अच्छा बताया है। इस नीति के तहत हर खेल से लगभग 152 शीर्ष खिलाडियों को सूचीबद्ध किया गया है। इनमें से प्रत्येक को हर महीने 50 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि केंद्र सरकार के खेल मंत्रालय की ओर से दी जा रही है। यह सौभाग्य की बात है कि प्रोत्साहन पानेवाले इन खिलाडियों में कुश्ती से हरप्रीत सिंह संधू का नाम भी शामिल है। हरप्रीत आज के नौजवान लोगों से यह कहना चाहते हैं कि उनको बेकार की बातों को छोड़कर खेलों की ओर ध्यान देना चाहिए इससे एक तो वह स्वस्थ भी रहेंगे और वह गलत व्यसनों से भी बचे रहेंगे। 

                 जब उनसे यह पूछा गया कि उनके साथ ही किर्गिस्तान में हुई एशियन चैम्पियनशिप में पदक जीतनेवाली महिला रैसलर नवजोत कौर को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने 5 लाख रूपये के पुरस्कार के साथ पुलिस में डी एस पी पद दिया ,इस पर वह क्या सोचते हैं ? तो उन्होंने इस प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि पंजाब सरकार का यह अच्छा सराहनीय कदम है और वह खुद भी यही अपेक्षा कैप्टन साहब से करते हैं कि उन्हें भी डी एस पी पद पर प्रौन्नति दे दें तो मुझे अति प्रसन्नता होगी। इस प्रोत्साहन से वह स्वयं को ओलम्पिक चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से अधिक मजबूती से तैयार हो पाएंगे। अंत में श्री हरप्रीत संधू ने कहा कि सरकार की ओर से खिलाडियों को दी जा रही सुविधाओं से अच्छे ख़िलाडी उभारने और खेलों का स्तर सुधारने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि खिलाडियों को मिलने वाली पुरस्कार राशि ,पुरस्कार और प्रोत्साहन राशि समय -समय पर पर्याप्त मात्रा में मिलने से खिलाडियों का मनोबल बढ़ेगा और खेलों में भारत का नाम भी और अधिक चमकेगा। 

Saturday 24 March 2018

उ,दिननि ठेकेदारों की बकाया राशि का शीघ्र भुगतान करेगा- तिलक राज कटारिया

             दिल्ली (अ. भा.) उत्तरी दिल्ली नगर निगम अपने नागरिकों को आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करवाने में अब कोई भी बाधा नहीं आने देगा। यह आश्वासन स्थायी समिति के अध्यक्ष तिलक राज कटारिया ने निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में निगम ठेकेदारों के साथ एक बैठक के बाद कही। श्री कटारिया ने कहा कि पिछले लम्बे समय से वित्तीय संकट के कारण निगम के ठेकेदारों के किये गए काम का भुगतान न होने के कारण विकास कार्य भी अवरुद्ध हुए पड़े थे।इससे जनता को भी नागरिक सुविधाओं से वंचित होना पद रहा था। 

              उन्होंने बताया कि ठेकेदारों का उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर 450 करोड़ रुपया बकाया है जिसको शीघ्र चुकता किये जाने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 50 करोड़ रूपये की राशि ठेकेदारों को भुगतान हेतु जारी की जा रही है। कटारिया ने कहा कि ठेकेदार निगम जैसे स्थानीय निकाय का एक महत्वपूर्ण अंग है जिनके बिना नागरिक  सुविधाओं को उपलब्ध नहीं करवाया जा सकता और ठेकेदारों की परेशानी को वह भलिभांति समझ सकते है। उन्होंने सभी ठेकेदारों से यह अपील भी की कि वे लोग अब निगम के विकास कार्यों को आगे बढ़ाने में जी जान से जुट जाएँ ताकि जनता को सभी नागरिक सुविधाओं को अविलम्ब उपलब्ध करवाया जा सके। बैठक में उपस्थित ठेकेदारों ने भी उन्हें इस बात का आश्वासन दिया कि वे विकास के काम को पूरा करने में कोई कोताही नहीं बरतेंगे और निगम प्रशासको के विश्वास पर खरे उतरेंगे। इस बैठक में अतिरिक्त आयुक्त सुश्री रेनू जगदेव ,अतिरिक्त आयुक्त श्री एस के भंडारी भी उपस्थित थे। श्री कटारिया ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम अपने नारिकों को सभी आवश्यक सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के लिए कटिबद्ध है और वह हर सम्भव इसको पूरा करने के लिए प्रयासरत रहेंगे। 

Thursday 22 March 2018

कामयाबी हेतु लग्न और कड़ी मेहनत के साथ -साथ टैलेंट भी होना जरूरी है -मॉडल सुमित शर्मा

                      आज युवाओं में एक्टिंग और मॉडलिंग में अपना कैरियर बनाने का जनून सिर चढ़ कर बोल रहा है। इस क्षेत्र में नाम के साथ -साथ पैसा भी कमाया जा सकता है। यही कारण है कि आज का युवा इस फिल्ड में अपनी किस्मत आजमाने के लिए पुरे जोश -खरोश से अपने कदम बढ़ा रहे हैं। क अच्छे मॉडल के लिए खूबसूरत चेहरे के साथ -साथ कसरती शरीर और टैलेंट का होना भी बहुत जरूरी है होता है।अधिकांश मॉडल यही चाहते हैं कि वह भी फ़िल्मी दुनिया में प्रवेश पाकर शिखर पर पहुंचे और लोगों में उनकी एक अलग पहचान बने। इनमें से कुछ ही भाग्यशाली लोग होते हैं जो अपने बड़े सपने साकार करने में कामयाब हो पाते हैं। 

                लुधियाना (पंजाब ) के  सुमित शर्मा भी मॉडलिंग की दुनिया में एक उभरता स्टार है।अभी कुछ दिन पूर्व ही  सजग वार्ता डॉट कॉम प्रतिनिधि अश्विनी भाटिया से हुई एक मुलाकात में उनके कैरियर से लेकर उनके जीवन से जुडी कई बातों की जानकारी भी मिली। यहां उसी बातचीत के कुछ अंश प्रस्तुत हैं ;    सन 2005 में मॉडलिंग से अपने अभिनय की शुरुआत करनेवाले सुमित का जन्म लुधियाना में 1987 को लुधियाना के मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ और यहीं के एस सी डी गर्वनमेंट कालेज से अपनी शिक्षा -दीक्षा भी पूर्ण की। सुमित को भगवान ने एक सूंदर और आकर्षक चेहरा प्रदान किया। एक ऊँची -लम्बी  कद -काठी वाले पंजाबी गबरू सुमित को जिम से भी गहरा लगाव है इसीलिए वह किसी बॉडी बिल्डर से कम नहीं दीखते है। स्नातक तक की शिक्षा ग्रहण करनेवाले सुमित अब तक लगभग 150 पंजाबी गानों का वीडियो निर्देशन  भी कर चुके हैं। कुछ गानों को उन पर फिल्माया भी गया है। वर्ष 2007 में सुमित को पहली बार एक मॉडल के रूप में पंजाबी गाने की रिकार्डिंग में दर्शकों के सामने अपनी अभिनय को प्रस्तुत करने का मौका मिला। इस गाने को काफी लोकप्रियता मिली और सुमित को भी एक नई पहचान भी मिली। 

              सुमित ने बताया कि उन्होंने पिछले 10 वर्षों में उनको कड़ी मेहनत के साथ ही संघर्ष भी करना पड़ा। आज वो जिस स्थान पर हैं उसके लिए अपने सपने को साकार करने के लिए उन्हें लग्न के साथ एकाग्रता की भी सहायता मिली है। उनसे जब यह पूछा गया कि पंजाबी गानों में कई लोग यह आरोप भी लगते हैं कि उसमें फूहड़ता का समावेश बढ़ता जा रहा है। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ गानों में हो सकता है परन्तु पंजाब संगीत को पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है। 

          वह कहते हैं कि जो लोग पंजाबी भाषा नहीं जानते वो भी पंजाबी गानों पर झूमते देखे जा सकते हैं। पंजाबी संगीत बहुत हद तक लोगों को थिरकने को मजबूर करता है ,इससे हम पंजाबी सभ्यता ,संस्कृति और संगीत की महत्ता को आसानी से समझ सकते हैं। पंजाबी फिल्मों का भविष्य उज्ज्वल है और बड़ी संख्या में आज पंजाबी फिल्मों का निर्माण भी हो रहा है जिनमें समाजिक मुद्दों को दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया जाता है और दर्शक भी उनको पसंद कर रहे हैं। 

       सुमित कहते हैं कि उन्होंने अपने मॉडलिंग के शरू के दिनों में कई प्रिंट फोटो शूट , रैम्प शो और ऐड फिल्मों में काम किया है। इस दौरान उनकी अभिनय क्षमता और प्रस्तुति को दर्शकों ने काफी सराहना मिली। 2011 से सुमित वीडियो निर्देशन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। सुमित कहते हैं कि अब उनका अगला पड़ाव मुंबई की फ़िल्मी दुनिया में प्रवेश करना है। उनसे कई निर्माताओं की बातचीत चल रही है और शीघ्र ही उनको किसी अच्छी फिल्म में लिये जाने की संभावना है। उन्होंने यह भी बताया कि उनको पहले भी कुछ निर्माताओं से फिल्मों में काम करने के प्रस्ताव तो मिले लेकिन उनको जिस भूमिका के लिए ऑफर मिले वह उनके टेस्ट के अनुसार न होने के कारण स्वीकार नहीं किये जा सके। उन्होंने अंत में बताया कि उनका सपना यही है कि वह अभिनय के साथ ही निर्देशन में भी एक अच्छा काम करके लोगों को दिखा सकें। वह विडिओ निर्देशक से फिल्म निर्देशक की यात्रा को पूरा करने के लिए पूरी मेहनत और लग्न से जुटे हुए हैं और उनको पूरा विश्वास भी है कि अपने लक्ष्य को अवश्य प्राप्त करेंगे। 

 

  

Sunday 18 February 2018

कुश्ती के साथ -साथ छोटे पर्दे पर भी खास मुकाम बना रहे हैं पवन दलाल

आज कुश्ती के क्षेत्र में भारत विश्व पटल पर एक ऊँचा मुकाम रखता है। कुश्ती और बॉक्सिंग में हरियाणा -पंजाब के खिलाडियों ने देश को एशियाई और ओलम्पिक खेलों में मैडल जीतकर भारत की प्रतिष्ठा को बचाया है। हरियाणा में हर छोटे -बड़े गांव की मिट्टी में पहलवान तैयार किये जा रहे हैं और सरकार भी इस ओर आर्थिक मदद देकर खिलाडियों को प्रोत्साहन देने में लगी हुयी है। 

कुश्ती में हरियाणा के झझर जिले के  इक छोटे से गांव से संबंध रखनेवाले पहलवान पवन दलाल का नाम भी आज उभरते खिलाडियों में लिया जा सकता है। पवन ने सजगवार्ता डॉट कॉम प्रतिनिधि से एक मुलाकात के दौरान बताया कि बचपन में ही उनके सिर से पिता का साया उठ गया था। किसान परिवार से संबंध होने के कारण उनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी कोई ज्यादा अच्छी नहीं थी लेकिन उनके चाचा पहलवान रमेश दलाल ने उनको कुश्ती के लिए प्रोत्साहित किया और आज वो जिस मुकाम पर भी हैं उसके लिए उनके चाचा का विशेष योगदान है। वर्तमान में पवन दलाल हिन्द केसरी सोनू पहलवान [मन्डोथी ]जी के पास प्रैक्टिस करके कुश्ती के नए दांव -पेच सीख रहे हैं। 

भारत में कुश्ती का चलन आदि काल से चलता आ रहा है और पहलवानों  का समाज में एक अलग पहचान और प्रभाव भी रहा है। भारत के परंरागत खेलों में कुश्ती सबसे लोकप्रिय खेल रहा है। देश के ग्रामीण क्षेत्रो में कुश्ती या दंगल जीवन का अहम हिस्सा रहा है। पिछले कुछ दशकों में क्रिकेट ने भारतीय खेलों को पीछे छोड़ दिया और गांवों में भी छोटे -छोटे बच्चे भी बैट बॉल लेकर क्रिकेट खेलते नजर आते थे। क्रिकेट का जनून भारतीयों के सिर पर चढ़ कर ऐसा बोलने लगा कि सरकार ,खेल संगठन और जनता सभी का ध्यान सिर्फ इस विदेशी खेल क्रिकेट की ओर ही लग गया। हद तो तब हो गयी जब बड़ी -बड़ी कंपनियां भी क्रिकेट मैचों को ही प्रायोजक बनकर आर्थिक मदद पहुंचाने लगी। क्रिकेट प्रेम के चक्कर में भारतीय खेलों की उपेक्षा होने लगी और अंतराष्ट्रीय मुकाबलों में पदक तालिका में भारत सबसे निचले पायदान पर जा पहुंचा। भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाला देश जब खेलों में पिछड़ गया तो ऐसे समय में कुश्ती ने ही भारत की लाज बचाई और फिर सरकार और दूसरे लोगों का ध्यान भी भारतीय पारम्परिक खेलों- कुश्ती -कब्बडी -हॉकी -खो-खो आदि की ओर भी जाना शुरू हुआ। 

 पहलवान पवन कुश्ती में नाम कमाने के साथ -साथ छोटे पर्दे पर भी अपना हुनर दिखाकर अपनी पहचान बनाने में लगे हुए हैं। अच्छी कद -काठी और कसरती शरीर के साथ -साथ आकर्षक चेहरा भी पवन को एक अलग पहचान दिलाने में कारगर सिद्ध हो रहा है। पवन क मराठी सीरियल में भी काम कर रहे हैं और इस  मराठी सीरियल तूजात  जीव रंगला के लगभग  12 एपिसोड जी -मराठी चैनल पर प्रसारित हो चुके हैं। इस सीरियल में पवन को विलेन की भूमिका में दिखाया गया है जिसको दर्शकों ने खूब सराहा है। पवन को आमिर खान की दंगल फिल्म में भी एक छोटा सा रोल मिल चूका है। पवन कई कुश्तियां जीत चुके हैं और उनको कई ख़िताब भी मिल चुके हैं। वह महाराष्ट्र गुर्ज केसरी ,कर्नाटक केसरी का ख़िताब जीत चुके हैं। पवन इसके साथ ही पंजाब में  एक नं. की जोड़ी के मुकाबले में भी कुश्ती लड़ चुके हैं। पवन चांदी का गुर्ज प्राप्त ख्याति प्राप्त पहलवान हैं। वह कहते हैं कि हमारे गांव -देहात के आखाड़ों में आज भी वह सब सुविधाएँ उपलब्ध नहीं है जो एक अच्छे पहलवान को तैयार करने के लिए आवश्यक समझी जाती हैं अगर सही सुविधाएँ और सही मार्गदर्शन मिल जाये तो अच्छे स्तर के पहलवान वहां से निकल सकते हैं। पहलवान पवन यह भी कहते हैं कि भारत में आज भी मैट की बजाय मिट्टी को अधिक मान्यता दी जाती है। वो कहते हैं कि पहलवान को मिट्टी की मान्यता मिले तो उसको पहचान भी अच्छी मिलती है और देहात के दंगलों में शामिल होने से पैसा भी अच्छा मिल जाता है। वह बताते हैं कि सुशील और योगेश पहलवान ने हरियाणा को पूरी दुनिया में एक अलग पहचान दिलाई है। 

वह कहते हैं कि बेशक सरकार अब पहले से ज्यादा भारतीय खेलों को प्रोत्साहन दे रही है मगर खिलाडियों विशेषकर पहलवानों को सरकारी नौकरियों में और अधिक शामिल किया जाना चाहिए इससे भारतीय कुश्ती विश्व में भारत को और भी ऊँचा गौरव दिलाने में सक्षम होगी। पवन अब तक सैंकड़ों कुश्ती लड़ चुके हैं जिनमें उनका मुकाबला विदेशी पहलवानों से भी हो चूका है मगर वो अपने साहस और ईच्छा -शक्ति के बल पर हमेशा विजयी रहे हैं।पवन से जब यह पूछा कि वह पहलवान नहीं होते तो क्या करते तो वह बोले क्या करता खेती ही करता और क्या करता ?

पवन कहते हैं कि उनको प्रात ; काल सुबह  जल्दी उठकर अखाड़े में नित अभ्यास करना होता है और कुश्ती के नए -नए दांव -पेच भी सीखना जरूरी होता है। किसी भी मुकाबले के लिए हमें शारीरिक रूप से तो तैयार रहना ही चाहिए साथ -साथ मानसिक रूप से भी तैयार होना जरूरी होता है। पवन की खुराक में दूध -घी ,फल ,और अंडे भी शामिल होते हैं। पहलवानी के लिए जहां निरंतर अभ्यास की  की जरूरत होती है वहीं पौष्टिक और संतुलित आहार भी बहुत जरूरी होता है ,यह पवन का कहना है। 

अंत में पवन दलाल कहते हैं कि सरकार हालाँकि खेलों को लेकर पहले से ज्यादा संजीदा हुई है लेकिन अभी गांव -देहात में अभी ओर अधिक खेल मैदान ,छोटे -छोटे स्टेडियम ,आधुनिक उपकरणों सहित आखाड़ों का निर्माण करके और अच्छे कोचों के दिशा निर्देश में ग्रामीण क्षेत्रों से खेल प्रतिभाओं को निखारने का मौका देने की बहुत आवश्यकता है। वह आज के युवा वर्ग से भी यही कहना  चाहते हैं कि उनको खेलों की और ज्यादा ध्यान देना चाहिए इससे जहां उनका शारीरिक विकास सही तरह से होता है वहीं हम नशों और दूसरे व्यसनों से भी बचे रहते हैं। [प्रस्तुति ;अश्विनी भाटिया ]


Saturday 27 January 2018

गणतंत्र दिवस पर चौ. रामलाल भाटिया चैरिटेबल ट्रस्ट ने किया स्कूली बच्चों को गर्म जर्सियों का वितरण ।

                     अलवर (रमन भाटिया ) । यहां रामगढ तहसील के गांव गढ़ी स्थित राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विधालय में भारत के 69 वे गणतंत्र दिवस समारोह को बड़ी धूमधाम से मनाया गया। प्रधानाचार्य श्री कैलाश चंद मीणा ने तिरंगा फहराकर कार्यक्रम की शरुआत की। समारोह में मुख्य अथिति के रूप में चौ.रामलाल भाटिया चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन अधिवक्ता श्री अश्विनी भाटिया उपस्थित हुए। विशिष्ट अथिति के रूप में ट्रस्ट के महासचिव अधिवक्ता श्री प्रवीण चौधरी, कृषि अनुसंधान केंद्र नौगांव (अलवर ) में सहायक आचार्य डॉ रामकिशोर मीणा ,अधिवक्ता श्री तेजसिंह चौहान ,समाजसेवी बिजेंद्र गुप्ता सहित अधिवक्ता शैलेन रॉय के अलावा ट्रस्ट के गढ़ी गांव स्थित जनकल्याण केंद्र प्रमुख स्थानीय निवासी धर्मपाल भाटिया ,श्री राकेश भाटिया ,प्रेम भाटिया,और श्री रामकिशन खेड़ा (बहादर पुर ) सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण महिला -पुरुष समारोह में शामिल हुए। 

           समारोह में ट्रस्ट की ओर से ग्राम पंचायत गढ़ी /धनेटा में स्थित 7 सरकारी विधालयों और गांव नाखनौल के राजकीय माध्यमिक विधालय के लगभग 150 निर्धन छात्र -छात्राओं को गर्म जर्सियों का निशुल्क वितरण किया गया।समारोह में नाखनौल विधालय के मुख्य अध्यापक श्री रिछपाल सिंह को उनके स्कूल के 50 छात्र -छात्राओं के लिए गर्म जर्सियां ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने सौंपी। इसके लिए रीछपाल सिंह ने ट्रस्ट का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चौ. रामलाल चैरिटेबल ट्रस्ट ने पिछले वर्ष भी उनके विधालय के निर्धन छात्र -छात्राओं को निशुल्क गर्म जर्सियां देकर उपकृत किया था और ट्रस्ट के प्रयास से ही क्षेत्रीय विधायक श्री ज्ञान देव आहूजा ने स्कुल में 2 पक्के कमरों और प्रांगण के फर्श को पक्का बनवा दिया है जिसके लिए वह ट्रस्ट और विधायक महोदय का विशेषतौर से आभार व्यक्त करते हैं। 

    माता -पिता ,गुरुजनों , अपने गांव और देश का सम्मान हमेशा करना समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री अश्विनी भाटिया ने कहा कि हम सब भारतीयों को अपने राष्ट्र ध्वज तिरंगे की आन -बान -शान के लिए हमेशा समर्पित रहना चाहिए और इसकी रक्षा के लिए जरूरत हो तो अपने प्राणों का बलिदान भी देने से पीछे नहीं हटना चाहिए।          उन्होंने कहा कि स्कुल राष्ट्र निर्माण का कार्य करते हैं। बच्चों को भी शिक्षित बनकर अपने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम देश की आज़ादी के संघर्ष में कुर्बान हुए लाखों लोगों की कुर्बानी को हमेशा स्मरण और नमन करे। हमें राष्ट्रप्रेम की भावना की अलख को अपने ह्रदय में जीवन पर्यन्त जलाकर रखना चाहिए यही हमारी ओर से शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 

 समारोह में स्कूली बच्चों ने  देश प्रेम से ओत -प्रोत कई गीत ,नृत्य ,लघु नाटिका और कविताओं की प्रस्तुति से सभी दर्शकों का मनमोह लिया। बच्चों की प्रस्तुति पर खुश होकर बहुत से उपस्थित लोगों ने उत्साह वर्धन हेतु बच्चों को नकद इनाम भी दिए। धर्मपाल भाटिया ने अपनी ओर से स्कुल स्टाफ को पेन और बच्चों को कापियां देकर पुरस्कृत किया।            

                                             श्री मीणा ने आये हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद किया और कहा कि अश्विनी भाटिया और उनके साथी पिछले कई वर्षों से इस विसमारोह के अंत में प्रधानाचार्य धालय के लिए जो कार्य अपनी ट्रस्ट के माध्यम से कर रहे हैं वो सराहनीय है। उनकी भगवान से यही कामना है कि वह चौधरी रामलाल भाटिया ट्रस्ट को इतना सशक्त बनाये कि वह भविष्य में और भी अधिक क्षमता से ग्रामीण क्षेत्रों में जन - कल्याण के कार्यक्रम चला सके।श्री मीणा ने कहा कि उनके स्कुल ने जो भी विकास किया है उसमें उनके विधालय के  स्टाफ , क्षेत्रीय ग्रामीण और समाजिक संगठनों का विशेष योगदान है। अध्यापकों और छात्र -छात्राओं की कड़ी मेहनत के कारण ही उनके विधालय का नाम आज पुरे राजस्थान में सम्मान जनक स्थान प्राप्त कर पाया है। सामूहिक अथक प्रयासों और परिश्रम का ही परिणाम है कि उनके विधालय का वार्षिक परीक्षाफल पिछले कई वर्षों से शत -प्रतिशत आ रहा है और उनकी कामना है कि यह गति भविष्य में भी बनी रहेगी।अंत में बच्चों के लिए मिष्ठान प्रसाद की व्यवस्था धनेटा निवासी बिजेंद्र सपुत्र दर्शन लाल की ओर से की गयी। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ अध्यापक श्री ताराचंद ने किया।   



 


 




Saturday 20 January 2018

स्वतन्त्रता संग्राम के महान नायक नेताजी आज भी लोगों के दिलों पर राज करते हैं।


भारत की आज़ादी के लिए लाखों असंख्य लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी जिसके परिणाम स्वरुप हमें 15  अगस्त, 1947  को विदेशी शासन से मुक्ति मिली। स्वाधीनता संग्राम में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस एक ऐसा महानायक है जिसने अंग्रेजी शासकों के विरुद्ध सशस्त्र युद्ध किया और विश्व की उस समय के सबसे ताकतवर माने जानेवाले अंग्रेजी साम्राज्य की जड़ों को हिला कर रख दिया। नेताजी ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध लड़ रही  देशों की सेना के साथ अपनी आज़ाद हिन्द फ़ौज़ को भी युद्ध  के मैदान में उतार कर दुश्मनों के हौंसलें पस्त कर दिए। अफ़सोस जनक बात यह रही की देश की आज़ादी मिलते समय नेताजी न जाने कहाँ लोप हो गए।

   नेता जी का जन्म 23 जनवरी ,1897 को  उड़ीसा के कटक में एक बंगाली परिवार में हुआ। इनके पिता जानकीनाथ एक जाने -माने वकील थे और माता प्रभावती एक धर्मपरायण भारतीय संस्कारों से ओत -प्रोत महिला थी।नेताजी की शिक्षा -दीक्षा उच्च स्तर की हुयी और उन्होंने उच्च शिक्षा विदेश में हुयी। उन्होंने आई सी एस परीक्षा पास करके  अंग्रेजी शासन का प्रशासनिक अधिकारी का पद ठुकरा कर देश की आज़ादी की लड़ाई में कूदने का रास्ता चुना। वह कांग्रेस में शामिल हो गए ,लेकिन उनको अन्य कांग्रेसी नेतायों की गिड़गिड़ाने की नीति रास नहीं आई और उन्होंने शीघ्र ही अपना अलग रास्ता पकड़ा। 1938 में वह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। 1939 में नेताजी महात्मा गांधी के विरोध के बावजूद कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव जीत गए। अपने समर्थित उम्मीदवार पट्टाभि  सीतारमैय्या की पराजय को महात्मा गांधी ने अपनी निजी हार माना। इसके बाद नेताजी ने कांग्रेस को त्याग कर अपनी अलग राह पकड़ ली। 

  नेताजी महात्मा गांधी की उदारवादी नीति से सहमत नहीं थे ,वह आज़ादी को ताकत के बल पर हासिल करना चाहते थे और इसके लिए आज़ाद हिन्द फ़ौज़ उनकी कमांड में अंग्रेजों के विरुद्ध पूरी ताकत से लड़ी।नेताजी [1933 -1936 ] यूरोप में रहे और यह दौर था हिटलर के नाजीवाद और मुसोलिनी के फासीवाद का। नाजीवाद और फासीवाद का निशाना इंग्लैंड था, जिसने पहले विश्वयुद्ध के बाद जर्मनी पर एकतरफा समझौते थोपे थे। वे उसका बदला इंग्लैंड से लेना चाहते थे। भारत पर भी अँग्रेज़ों का कब्जा था और इंग्लैंड के खिलाफ लड़ाई में नेताजी को हिटलर और मुसोलिनी में भविष्य का मित्र दिखाई पड़ रहा था। दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। उनका मानना था कि स्वतंत्रता हासिल करने के लिए राजनीतिक गतिविधियों के साथ-साथ कूटनीतिक और सैन्य सहयोग की भी जरूरत पड़ती है।सुभाष चंद्र बोस ने 1937 में अपनी सेक्रेटरी और ऑस्ट्रियन युवती एमिली से शादी की। उन दोनों की एक अनीता नाम की एक बेटी भी हुई जो वर्तमान में जर्मनी में सपरिवार रहती हैं। नेताजी हिटलर से मिले। उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत और देश की आजादी के लिए कई काम किए। उन्होंने 1943 में जर्मनी छोड़ दिया। वहां से वह जापान पहुंचे। जापान से वह सिंगापुर पहुंचे। जहां उन्होंने कैप्टन मोहन सिंह द्वारा स्थापित आज़ाद हिंद फ़ौज की कमान अपने हाथों में ले ली। उस वक्त रास बिहारी बोस आज़ाद हिंद फ़ौज के नेता थे। उन्होंने आज़ाद हिंद फ़ौज का पुनर्गठन किया। महिलाओं के लिए रानी झांसी रेजिमेंट का भी गठन किया जिसकी लक्ष्मी सहगल कैप्टन बनी। 'नेताजी' के नाम से प्रसिद्ध सुभाष चन्द्र ने सशक्त क्रान्ति द्वारा भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर, 1943 को 'आज़ाद हिन्द सरकार' की स्थापना की तथा 'आज़ाद हिन्द फ़ौज' का गठन किया इस संगठन के प्रतीक चिह्न पर एक झंडे पर दहाड़ते हुए बाघ का चित्र बना होता था। नेताजी अपनी आजाद हिंद फौज के साथ 4 जुलाई 1944 को बर्मा पहुँचे। यहीं पर उन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा, "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" दिया। 18 अगस्त 1945 को तोक्यो जाते समय ताइवान के पास नेताजी की मौत हवाई दुर्घटना में हो गई, लेकिन उनका शव नहीं मिल पाया। नेताजी की मौत के कारणों पर आज भी विवाद बना हुआ है।आज़ाद भारत कि सरकारों ने नेताजी के नाइंसाफी की है। उनके द्वारा भारत माँ की जो सेवा की गई है वह अतुलनीय है और उनकी आज़ादी की लड़ाई में योगदान को कांग्रेस ने जानबूझ कर वह महत्व नहीं दिया जिसके वो हक़दार है। अगर भारत को आज़ादी नेताजी के नेतृत्व में मिलती तो भारत आज दुनिया  के नक़्शे में दूसरी तस्वीर होती और दुनिया का नक्शा भी कुछ और ही होता।जो राष्ट्र अपने महानायकों को भूल जाता है न तो  दुनिया में उसको सम्मान मिलता है और न ही उसका अस्तित्व अधिक दिन तक बचा रह सकता है। हम आज अपने राष्ट्र के महानायक नेताजी की जयंती पर उनके चरणों में अपना शत -शत नमन करते और उनकी नीतियों पर चलकर अपने राष्ट्र की रक्षा और सेवा का संकल्प लेते हैं।- जय हिन्द। [अश्विनी भाटिया ]